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"बौद्ध" शब्द "बुद्धि" से बना है....जिसका अर्थ है "जागृत
मस्तिष्क" जो 'सत्य' को 'सत्य" और ...'असत्य' को 'असत्य'
की दृष्टी से देखने में सक्षम हो......
ये वो 'दर्शनशास्त्र' है जिसकी शुरुआत लगभग 563
ई० पू में जन्मे महामानव सिद्धार्थ गौतम बुद्ध ने... 35 साल
की उम्र में "बोधिसत्व" की प्राप्ति के बाद
अपने अनुभव को... 'देशना' स्वरुप संसार को दिए...
ये धम्म मार्ग पिछले ढाई हज़ार से भी ज्यादा सालों से
मानव का कल्याण करता आ रहा है... और आगे भी
हमेशा करता रहेगा......क्योंकि इसका मूल ज्ञान अन्य धर्मों
की तरह समय के साथ पुराना और
अस्वीकार्य नहीं होता.....!!!!
...जनसँख्या की दृष्टी से कहें तो आज
सारे संसार में...."बौद्ध धम्म" को मानने वाले तीसरे
नम्बर पर हैं....लगभग चार सौ मिलियन लोग इससे लाभान्वित
हैं....
पहले ये एशिया महाद्वीप में ज्यादा प्रचलित था....
इसीलिए बुद्धा को "लाइट ऑफ़ एशिया" भी
कहते थे....पर अब इसे यूरोप, आस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे
उन्नत देश तेज़ी से अपना रहे हैं.... क्योंकि उनमें
बौद्ध धम्म को समझने के लिए वैज्ञानिक मानसिकता का प्रचार
उपयुक्त मात्र में उपलब्ध है.... .
"बौद्ध- धम्म" असल में "धर्म" शब्द की परिभाषाओं
से कहीं आगे का "तत्व ज्ञान" है...
इसी लिए इसे हम "धर्म" न बोलकर "धम्म" बोलते
हैं... जिससे की इसे अन्य धर्मों के समतुल्य न
समझा जाए..... ।
बौद्ध धम्म को हम धर्म इसलिए नहीं कहते
...क्योकि ये अन्य धर्मों की तरह केवल आस्था,
गुटबाजी, पुरोहितवाद, ईश्वरवाद और उनसे
जुडी मान्यताओं पर नहीं चलता..... !!!!
इसका लक्ष्य मानव में ऐसे मानसिक योग्यता पैदा करना है....
जिससे वो "असत्य" को पहचान और "नकार" सके..... "सत्य"
प्रमाणिकता और "तर्क की क्षमता" विकसित करता
है.....|||| बौद्ध धम्म ऐसी कसौटी या
सन्दर्भ हवाला (रेफरेंस) का काम करता है.... जिसकी
सहायता से व्यक्ति मानव संसार में व्याप्त हर तरह के
"इश्वरीय सिद्धांत" या "पैगम्बर" के सन्देश का
सही आंकलन करके... कर्मकांड, परंपरा, धर्मादेशो,
मान्यताओं अादि को.. 'परख' सके 'चुन सके' और 'नकार
सके'........
आइये समस्त मानव मिलकर "धम्म पथ" पर चलकर अमन और
शांति का वातावरण बनाये... और भाईचारा एवं मानवता कायम करे....
इसी पथ पर चलकर समस्त मानव का कल्याण संभव है॥
नरेन्द्र बौद्ध
प्रदेश प्रभारी(वेस्ट इन्डिया)
यूथ बुध्दिस्ट सोसायटी ऑफ इन्डिया (YBS INDIA)
मोबाइल : +919828170078
+919829018055
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*** प्रशांत ***`• .¸.•´(¯♥´¯)
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